मैं मुंबई, लहुलुहान लाशों से लथपथ
पर सी एम कहते हैं धैर्य धरो
पी एम ने की है शान्ति की अपील
दिल्ली कहती है सब्र करो
टी.वी. पर खबरें गर्म हैं
जिसपर उबलता है ऐड रेट का बबूला
न किसी को कोई लिहाज़ न शर्म है
प्रोग्राम बना है- तेरह नंबर का आतंक
और 'देखते रहिये'- घटना का ज़िम्मा किसने कबूला
गृहमंत्री गंभीर-धीर करते हैं मुआयना
लाशें गिरने, धमाके थमने के बाद
नपुंसक और मौकापरस्त व्यस्त हैं निंदा करते,
कहते, भारतीय सहिष्णुता, मुंबई की जिंदादिली, जिंदाबाद
भूल जाते हैं की वे लाशें कभी जिंदा थी
चलती है तो बस स्वार्थी, आहंकारियों की राजनैतिक चौसर
भूल गए हैं अशोक, अखबर, शिवाजी की ललकार
वीर भोग्या वसुंधरा का नारा, शौर्य, जौहर
आज सत्ता पर हिजड़ों की टोली
अपील करती है शान्ति का
पर तुम मत भूलो वह इतिहास
जब वृहन्नला भी अर्जुन था
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