Monday, May 11, 2020

pyaar



मेरी हर याद का चेहरा तेरा सा
तेरी सरगोशियाँ, तेरे ग़म के छाले हैं।
पहली सांस से आखरी आंच तक
सारे मोड़, हर मुक़ाम, बस प्यार के हवाले हैं।

सर पर चढ़ी है
कभी जिद पर अड़ी है
कभी हंसकर बढ़ी है
कभी रूठी, लड़ी है।

तू मेरी पहली पुचकार
तोतली जुबां का लाड
आँखों से उतरा पहला खुमार
लंगोटिया दोस्ती के पहले उधार।

तू मिलती रही हर कदम पर
मैं फिर भी तलाशता रहा,
ख्वाबों की बस्तियों में, मीलों जूनून के
फक्कड़, घुमक्कड़, नाआशना रहा।

जागते ख्वाब देखे, हर पल दौड़ा
तेरे पीछे क्या क्या दिन निकाले हैं!
ज़िन्दगी की गुल्लक में मैंने
बस तेरे ही सिक्के सम्हाले हैं।
पहली सांस से आखरी आंच तक
सारे मोड़, हर मुकाम, बस प्यार के हवाले हैं।